आवास संबंधी संयुक्त समिति
(छ) आवास संबंधी संयुक्त समिति
96-(1) उत्तर प्रदेश विधान परिषद् द्वारा दिनांक 29 अगस्त, 1985 को तथा उत्तर प्रदेश विधान सभा द्वारा दिनांक 5 सितम्बर, 1985 को पारित किये गये संकल्प के अनुसार उत्तर प्रदेश विधान मण्डल के सदस्यों तथा विधान मण्डल सचिवालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आवास आदि के विषयों पर विचार-विमर्श हेतु “आवास सम्बन्धी संयुक्त समिति’’ होगी।(2) उक्त समिति में 15 सदस्य होंगे जिसमें से 9 सदस्य विधान सभा के और 6 सदस्य विधान परिषद् के होंगे । समिति अध्यक्ष, विधान सभा द्वारा नाम-निर्देशित होगी किन्तु समिति में विधान परिषद् के सदस्य सभापति, विधान परिषद् द्वारा नामित किये जायेंगे।
(3) समिति के सभापति, चक्रानुक्रम में एक वर्ष उपाध्यक्ष, विधान सभा तथा दूसरे वर्ष उप सभापति, विधान परिषद् होंगे किन्तु पीठासीन अधिकारी का उक्त संगत पद रिक्त होने की दशा में समिति के सभापति, यथास्थिति, अध्यक्ष, विधान सभा अथवा सभापति, विधान परिषद् द्वारा नामित किये जायेंगे।
(4) उक्त समिति के निम्नलिखित कृत्य होंगे :-
(क) विधान मण्डल के सदस्यों एवं कर्मचारियो के लिए शासकीय आवास प्रबन्ध सम्बन्धी सब विषयों पर कार्यवाही करना, तथा
(ख) विधायकों के निवास स्थानों पर अथवा अन्य स्थानों पर जहां विधान मण्डल की समितियों के उपवेशन किये जायें, अथवा आवास सम्बन्धी अन्य सुविधायें, जो सदस्यों को प्राप्त हों, उनकी देखभाल करना,
(ग) इस समिति का कार्य परामर्श देना होगा । समिति की सिफारिशें अध्यक्ष, विधान सभा को प्रस्तुत की जायेगी। अध्यक्ष उन्हें शासन के सम्बन्धित विभाग को अपने विचार प्रकट करने के लिए भेजेंगे। शासन के सम्बन्धित विभाग के विचार प्राप्त हो जाने पर अध्यक्ष सिफारिशों पर सभापति, विधान परिषद् से परामर्श करके ऐसे परिवर्तनों के साथ जिन्हें वे उचित समझें अन्तिम आदेश देंगे :
परन्तु अध्यक्ष यदि चाहें तो सिफारिशों को उन अभ्युक्तियों के साथ जिन्हें वे आवश्यक समझें पुनर्विचार के लिए समिति को वापस भेज सकेंगें:
परन्तु यह भी कि यदि किसी सिफारिश में अतिरिक्त व्यय अन्तर्ग्रस्त हो तो अध्यक्ष, सम्बन्धित मंत्री से भी परामर्श करने के बाद उस पर अन्तिम आदेश देंगे।
No comments:
Post a Comment