उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता में योगदान
ब्रिटिश औपनिवेशिक काल: 10 मई 1857 को पहली बार मेरठ में पहली आजादी की लड़ाई शुरू हुई। मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, नाना साहिब पेशवा सभी प्रमुख व्यक्तियों का अहम योगदान था , और सभी कानपुर, लखनऊ, कल्प, झांसी गहन युद्ध की जगहों में भी शामिल थे , रक्तपात और विनाश चंद्र शेखर आजाद और राम प्रसाद बिस्मिल , जवाहरलाल नेहरू, गोविंद बल्लाभ पंत, राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय, लाल बहादुर शास्त्री सभी उत्तर प्रदेश के पुत्र थे। सभी ने भारत की स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान था।
स्वतंत्रता के बाद भारत: उत्तर प्रदेश के उच्च दफ्तरों के राजनीतिक व्यक्तित्व और धारकों की लंबी सूची है। सुचेता कृपलानी को उत्तर प्रदेश में भारत की प्रथम महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था ,और इन्दिरा गाँधी जी को प्रथम महिला प्रधानमंत्री का गौरव प्राप्त हुआ था ।
राज्यके प्रमुख क्रांतिकारी एवं नेता
प्रमुख क्रांतिकारी
- चंद्रशेखर आजाद ,
- रामप्रसाद बिस्मिल ,
- रोशन लाल ,
- राजेंद्र लाहिड़ी,
- राजा महेंद्र प्रताप ,
- लाला हरदयाल ,
- पंडित परमानंद ,
- बटुकश्वेर दत्त ,
- विजय कुमार सिन्हा और
- राजकुमार सिन्हा
प्रमुख नेता
- पंडित मोतीलाल नेहरू ,
- जवाहरलाल नेहरू,
- मौलाना शौकत अली ,
- मौलाना मोहम्मद अली ,
- सी. वाई. चिंतामणि ,
- गणेश शंकर विधार्थी,
- पंडित गोविन्द वलंभ पंत ,
- आचार्य नरेंद्र देव
- तेज बहादुर सप्रू ,
- समूर्णानन्द ,
- लालबहादुर शास्त्री और
- रफ़ी अहमद किदवई.
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